Wednesday, 19 July 2023

ब्रेकअप के बाद प्रेमी को वापस पाने के कुंडली योग

Jyotishgurumk ब्रेकअप के बाद अपने प्रेमी के वापस आने के योग -:
जब किसी प्रेम प्रेमिकाओं के बीच में ब्रेकअप हो जाता है तो उस स्थिति में हमें प्रेम प्रेमिका में से किसी एक की भी जन्म कुंडली को देख क पता कर सकते हैं कि उनके प्रेमी उनके जीवन में वापस आने के योग बनते हैं कि नहीं, www.asthajyotish.in ज्योतिष गुरु Mkpoddar इसके लिए हमें सबसे पहले जन्म कुंडली के पंचम भाव को देखना होता है। क्योंकि जन्म कुंडली का पंचम भाव हमारे प्रेम को रिप्रजेंट करता है। पता है जब हमारा पंचम भाव में किसी पाप ग्रह का आगमन हो और पंचम भाव का स्वामी किसी बुरे भाव में पाप ग्रहों से संबंध बनाकर पीड़ित हो जाता है। उस स्थिति में हमारे बीच में किसी न किसी बात को लेकर विवाद बढ जाता है और हमारा ब्रेकअप हो जाता है। इस स्थिति में हमें देखना होता है की पंचम भाव का स्वामी व द्वादश भाव के स्वामी के बीच में किसी भी प्रकार का युति संबंध दृष्टि संबंध दशा अंतर्दशा अथवा गोचर में सम्बन्ध बन रहा है तो उस कंडीशन में उस जातक जातिका को 101% उसका खोया हुआ प्रेम वापस मिलता है। अर्थात जिस समय पंचम भाव व द्वादश भाव का आपस में पॉजिटिव संबंध बन जाता है। उसी समय उनका बिछड़ा हुआ प्रेम उनको 100 प्रतिशत वापस मिल पाता है। WhatsApp 9333112719 उपाय -: इस प्रकार अपने पिछड़े प्रेम को प्राप्त करने के लिए अपनी जन्म कुंडली के अकॉर्डिंग द्वादश भाव के स्वामी को पॉजिटिव करने के उपाय करने चाहिए। जैसे वृषभ लग्न पत्रिका के चार्ट में द्वादश भाव में मिथुन राशि आती है उसके स्वामी बुध देव होते हैं अतः उसी स्थिति में हमें बुद्धदेव को प्रसन्न करने के लिए बुधदेव के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं बुधवार का व्रत कर सकते हैं तो निश्चित रूप से हमें हमारे प्रेमी को वापस लाने में सफलता प्राप्त होती है। अधिक जानकारी प्राप्त करें हमें लाईक और शेयर करें www.asthajyotish.in

कुंडली में प्रेम संबंध विच्छेद योग

कुंडली में प्रेम संबंध विच्छेद योग
jyotishgurumk www.asthajyotish.in जन्म कुंडली में प्रेम का शत्रु भाव -: जन्म कुंडली में पंचम भाव हमारी भावनाओं हमारे रोमांस अर्थात हमारे प्रेम रिलेशनशिप को रिप्रेजेंट करता है या यूं कहें कि हमारे जीवन में प्रेम का उद्गम पंचम भाव से देखा जाता है। जबकि हमें हमारे रिलेशन शिप के बारे में जानना होता है तो हमें पंचम भाव का अध्ययन करना होता है। पंचम भाव से गणना करने पर जन्मकुंडली का टेंन्थ हाउस षष्टम भाव बनता है। तथा षष्टम भाव हमारी शत्रुता का हमारे नेगेटिव एनर्जी का होता है। अतः जब गोचर दशा में दशम भाव का संबंध पंचम भाव से या पंचम भाव के स्वामी के साथ होता है। तो वह समय हमारे प्रेम संबंधों में अलगाववादी स्थिति उत्पन्न करता है। यदि पंचम भाव व दशम भाव के स्वामियो के बीच मित्रता का संबंध होता है तो वह समय थोड़ा बहत डिस्टेंस होकर या मन मुटाव हो कर शांत हो जाता है। किंतु पंचम भाव व दशम भाव के स्वामी आपस में एक दूसरे के शत्रु होते हैं तो उस स्थिति में जब इनका संबंध गोचर में बनता है तो वो रिलेशनशिप में बहुत अधिक दूरियां और नफरत पैदा कर देता है। अतः जब यह गोचर बन रहा हो तो उस समय हमें दशम भाव के स्वामी को डीएक्टिव व पंचम भाव के स्वामी को एक्टिव करने की आवश्यकता होती है। जिससे हम हमारे रिलेशनशिप को बैटर बनाकर रख सकते हैं। अधिक जानकारी प्राप्त करने हेतु हमें लाईक और शेयर करें whatsapp 9333112719

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राशि अनुसार विवाह के उपाय, तुरंत बनेंगे विवाह के योग।

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